भेद प्रकट हो गए



भाई ब्रन्हम की आरम्भिक सेवा में यह स्पष्ट हो गया था कि नामधारी व्यवस्था, धार्मिक संस्थाओं को प्रोत्साहन देने के लिए बनाई गई थी और सच्चे सुसमाचार के लिए नहीं। भाई ब्रन्हम ने बाइबल का अक्षर-अक्षर विश्‍वास किया, और समझौता नहीं करेंगे, चाहे कि इसका अर्थ अपने साथियो, मित्रो या परिवार से बहिष्कार हो।

जबकि वह मिशनरी बेपटिस्ट चर्च के सदस्य थे, उनसे कहा गया कि महिला सेवकों को अभिषिक्त करे। जो भी हो वह वचन को अच्छी तरह से जानते थे। 1तीमुथियुस 2:12 स्पष्टता से कहता है, “मैं कहता हूं कि स्त्री ना उपदेश करे और न पुरुष पर आज्ञा चलाये, परन्तु चुपचुाप रहे,” और 1कुरिन्थियो 14:34 कहता है “स्त्रियां कलीसिया की सभा में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बात करने की आज्ञा नहीं…“ यह स्त्रियों के विरुध कुछ भी नहीं था, परन्तु बाइबल इस विषय पर बिल्कुल स्पष्ट है। जब चेतावनी दी गई थी, तो वह समझौता नहीं कर सके, इसलिए उन्होंने कलीसिया छोड़ दी।

केवल यही वचन नहीं था जो कि नामधारियों के द्वारा उपेक्षित किया गया। प्रभु ने भाई ब्रन्हम के ऊपर बपतिस्मे की सच्चाई को प्रगट किया। यीशु मसीह कैसे यह आज्ञा दे सकता था। “इसलिए तुम जाओ, सब जाति के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो,” जब कि हर बपतिस्मा बाइबल में यीशु के नाम से अभिलिखित है? प्रेरित पतरस ने प्रेरितो के काम 2:38 में आज्ञा दी, कि प्रायश्चित करे और यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले। वचन, सिद्ध एकता में कार्य करता है, परन्तु इस भेद को प्रगट करने के लिए भविष्यव्यक्ता को लिया; “पिता” नाम नहीं है “पुत्र” नाम नहीं है “पवित्रआत्मा” नाम नहीं है। जैसे एक मनुष्य अपने बालको का पिता है, अपने अभिभावकों का पुत्र है, अपने भाई बहनों का भाई फिर भी उसका नाम “पिता,” “पुत्र” या “भाई” नहीं। पिता, पुत्र और पवित्रआत्मा प्रभु यीशु मसीह के नाम के उपाधियां है। मत्ती 28:19 और प्रेरित 2:38 एक सिद्ध रेखा में आ गए।

यहां तक कि अदन की वाटिका का मूल पाप प्रगट कर दिया गया था, ना कि एक फल खाने के समान, परन्तु परमेश्‍वर के वचन का अविश्‍वास। कैसे एक फल के टुकड़े को खाकर, आदम और हवा पर तुरन्त यह प्रगट हो गया कि वे नंगे थे? सही में इसका अर्थ नहीं निकलता। एक सेब का नंगेपन से क्या लेना देना? परमेश्‍वर के भविष्यव्यक्ता ने इस भेद को स्पष्ट रूप से प्रकट कर दिया।

प्रकाशितवाक्य 2 और 3 के वे दूत कौन है जिन के लिए बोला गया? उनके नाम जाने पहचाने से लगते हैं।

प्रकाशितवाक्य के छठवे अध्याय के वे भेदपूर्ण घुडसवार कौन हैं? उनके अन्दर एक बड़ी विशेष बात सामान्य है।

क्या संयुक्त राज्य प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में वर्णित है?

यह 1,44000 कौन है जो कि सातवे अध्याय में बचाये गये हैं?

अध्याय 17 की यह बड़ी वैश्या कौन है? उसकी पहचान और यह सारे भेद इस शक्तिशाली भविष्यव्यक्ता के सन्देश में जो परमेश्‍वर की ओर से भेजा गया, प्रगट हो गये थे।

केवल वे अनगिनत आश्चर्यकर्म ही इस मनुष्य के जीवन में नहीं हुए, परन्तु वे भेद जो बाइबल में युगो से छिपे रहे, वे भी इसकी सेवकाई में प्रगट हो गए। यह स्पष्ट हो गया कि इस भविष्यव्यक्ता ने मलाकी 4 से और अधिक वचन पूरे किए।

प्रकाशितवाक्य 10:7 वरन् सातवें दूत के तुरही फूंकने पर होने वाले शब्दं के दिनों में परमेश्‍वर का गुप्त मनोरथ उस सुसमाचार के अनुसार जो उसने अपने दास भविष्यव्यक्ताओं को दिया पूरा होगा।

एक आवाज संसार से पुकार कर कह रही है कि नामधारियों में से बाहर आ जाओ और परमेश्‍वर के मूल वचन पर आ जाओ। हम से हर एक के पास वही सुअवसर है जो पतरस, याकूब और यूहन्ना के पास था। हमारे पास सुअवसर है कि परमेश्‍वर के थोड़े से चुनो हुओं में गिने जाये, जो आज की धार्मिक संस्थाओं के समक्ष नहीं झुकेंगे।

पवित्र वचन में उन मनुष्यों के जीवन और कार्यों का अभिलेख है, जो परमेश्‍वर के साथ चले और उसके आत्मा से इतने अभिषिक्त थे कि उन्होंने अपने वचनों में यहोवा यों कहता है की घोषणा की और उनके शब्दों की ना असफल होने वाले चिन्हों और आश्चर्यकर्मों के द्वारा पुष्टी हुई। वे परमेश्‍वर के भविष्यव्यक्ता थे और अपनी पीढ़ी के लिए परमेश्‍वर की आवाज थे।

क्या समय बदल गया, उस समय से जब यीशु यहां पर था? यह धार्मिक अगुवे थे, जिन्होंने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया। उस बड़ी धार्मिक व्यवस्था के सामने चेले बहुत ही अल्पसंख्यक थे। उनका बहिष्कार किया गया, उपहास उड़ाया और नामधारी की मुख्यधारा के विरूद्ध खड़े होने के कारण अन्त में उन्हें मार डाला गया। हो सकता है आज हमें अपने विश्‍वास के कारण मारा ना गया, परन्तु हम निश्चय ही सताये गए। जैसे फरीसी और सदूकी, वे भाई ब्रन्हम की सेवकाई में जो आश्चर्यकर्म हुए उनका इन्कार नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने दूसरे आक्रमणों में शरण ली। आप सुन सकते हैं कि वह झूठा भविष्यव्यक्ता था, एक पूजा पद्धति का अगुवा या और बुरा। वास्तव में वह परमेश्‍वर का एक नम्र व्यक्ति था जो नामधारियों के आज्ञाकारी नियन्त्रण के विरूध मजबूती से खड़ा हुआ, और वे उपासनाये जो परमेश्‍वर के लोगों पर लादी गई। इन्होंने ठीक इसी प्रकार से यीशु पर आक्रमण किया जब वह उनके धर्म सिद्धान्तों के विरुद्ध खड़ा हुआ।

परमेश्‍वर ने भाई ब्रन्हम की इच्छा का सम्मान किया कि बाइबल के हर वचन का विश्‍वास करे, और उसने अपनी सेवकाई का प्रयोग लाखो लोगों के प्राणों की अगुवाई यीशु मसीह की ओर की। आज सातवे स्वर्गदूत की आवाज जोर पर है, जैसे कभी हुई। लगभग 20 लाख लोग समस्त संसार में भाई ब्रन्हम के सन्देश का विश्‍वास करते हैं। यह एक बहुत ही छोटी संख्या है, उस दो अरब लोगों में जो मसीहत का दावा करते हैं। परन्तु कब परमेश्‍वर के लोग अल्प संख्यक नहीं थे?

हमारे पास 1200 से अधिक रिकार्ड किए हुए उपदेश, आवाज में हैं, जिसकी भविष्यवाणी प्रकाशितवाक्य 10:7 में है। इनमे से हर उपदेश परमेश्‍वर के भेदों को खोलता है। यह आवाज आपके लिए उपलब्ध है, यदि आप इसे सुनना चाहते हैं।

 

चुनाव आपका है

मैं एक क्षण के लिए भी लोगों के लिए सन्देश को नही लाऊंगा, जिससे कि वे मेरा अनुकरण करें, या मेरी कलीसिया से जुड़े या कोई संगती या संस्था का आरंभ करें। मैंने ऐसा कभी नही किया है और ना ही अब करूँगा। मुझे इन बातों में कोई दिलचस्पी नही है, लेकिन मुझे परमेश्‍वर की बातों और लोगो में एक दिलचस्पी है, और यदि मैं उस एक बात को भी पूरा कर सकता हूं तो, मैं सन्तुष्ट हो जाऊंगा। वो एक बात यह है कि, मनुष्य और परमेश्‍वर के बीच एक सच्चे आत्मिक संबंध को स्थापित होते देखूं। जिसमें मनुष्य मसीह में नई सृष्टी बने, और उसकी आत्मा से भर जाये और उसके वचन के अनुसार जिये। मैं आमंत्रण दूंगा, सबके लिए निवेदन और चेतावनी को दूंगा, इस समय पर उसकी आवाज को सुने, और अपने जीवनो को पूरी तरह से उसकी अधीनता में कर दे, यहाँ तक जैसे मेरे हृदय में पूरा भरोसा हो कि मैंने सब उसे दे दिया है। परमेश्‍वर आपको आशीष दे, और होने पाए उसके आगमन का आनंद आपके हृदय में हो।

आदर्णिय विलीयम मेरियन ब्रन्हम

 

 

 

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