एक भविष्यव्यक्ता?



बाईबल में परमेश्‍वर अपने सन्देश को सदा युग के भविष्यव्यक्ता के द्वारा लोगो तक पहुंचाता है। वह जलती ही झाड़ियों में से होकर मूसा से बोला, और उसे यह अधिकार दिया कि इब्रानियों की अगुवाई कर मिस्त्र से बाहर ले आये। ये दिखने वाला अग्नि का स्तम्भ, और दुसरे चिन्ह उसकी सेवकाई के प्रमाण के लिए दिए गए, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला मसीहा के आगमन के लिए एक सन्देश लाया। जब की वह प्रभु यीशु को यरदन नदी में बपतिस्मा दे रहा था, तो स्वर्ग की एक आवाज ने यूहन्ना के इस अधिकार को कि वो परमेश्‍वर के मेमने का परिचय करायेगा, इसकी पृष्टी की “ये मेरा प्रिय पुत्र है, जिसमें रहने से में अति प्रसन्न हूं।” वर्षो पश्चात प्रभु की आवाज़ फिर से भविष्यव्यक्ता से बोलती सुने पड़ी, जब वह पौलुस को अँधा कर देने वाली ज्योती के द्वारा बोला, और बाद में उसे कलीसियाओ को व्यवस्थित रूप में स्थापित करने का अधिकार दिया, सारे नए और पुराने नियम में परमेश्‍वर अपने लोगो से नामधारी विधी या धार्मिक संस्थाओ के द्वारा नही बोला, उसने साथ ही एक व्यक्ति से बात की, उसका भविष्यव्यक्ता और वह अपने—अपने भविष्यव्यक्ताओ का आलौकिक चिन्हों के द्वारा समर्थन करता है।

परन्तु आज के विषय में क्या है? क्या परमेश्‍वर अब भी अपना वचन भविष्यव्यक्ताओ पर प्रकट करता है? क्या अब भी आलौकिक चिन्ह होते है? क्या परमेश्‍वर आज के दिनों में संसार में भविष्यव्यक्ता भेजेगा? उत्तर बिल्कुल निश्‍चित है। “हाँ!”

परन्तु, जब भविष्यव्यक्ता उठता है तो हम कैसे जानेगे? वो कैसा दिखाई पड़ेगा? वो कैसा व्यवहार करेगा? वो हमें क्या चिन्ह देगा? वो कौन से वचन को पूरा करेगा?

पुराने भविष्यव्यक्ता परमेश्‍वर के सहासी लोग होते थे, और धार्मिक और संस्थाओ के विरोध में खड़े होने से नही डरते थे, वास्तव में ये लोग पुरोहित वर्ग के द्वारा आलोचनाओ में रहे। एल्लियाह ने अपने दिनों की धार्मिक संस्थाओ को चुनौती दी, उन लोगो से कहा यदि परमेश्‍वर उनके बलिदान को या उनके बलिदान को सम्मानित करेगा। वे चिल्लाये। उन्होंने भविष्वाणीयां की, वे वेदी के ऊपर कूदे उन्होंने अपने आप को खंजरो से काटा। परन्तु परमेश्‍वर ने उनकी नही सुनी। एल्लियाह ने आकाश की और देखकर कहा, “आज से उन पर प्रकट हो जाये कि तु ही इस्राएल में परमेश्‍वर है और यह की मैं उसका दास हूं। और मैंने यह सारी चींजे तेरे वचन पर की है।“ और तब ओसने स्वर्ग से आग को पुकारा, ताकि बलिदान को भस्म कर दे। मिकायाह भविष्यव्यक्ता इस्राएल के राजा के बराबर में खड़ा हुआ, और सारा पुरोहितवाद जब उसने महायाजक सिद्किया को झूठी के लिए लताड़ लगाई। महायाजक ने उसके गाल पर थप्पड़ मारा, और राजा ने उसे सच बोलने पर जेल में डाल दिया। इसी प्रकार से प्रभु यीशु से उसके दिनों की धार्मिक संस्थाओ ने उससे नफरत की, कि उन्होंने उसको अपराधियों के साथ क्रूस पर चढ़ा दिया। यदि इतिहास सत्य को पकडे तो एक भविष्यव्यक्ता के द्वारा द्वेष पात्र होगा, और हठ धर्मी कहलायेगा, झूठा भविष्यव्यक्ता या बहुत ही बुरा कहलायेगा। परन्तु परमेश्‍वर अपने दास के साथ खड़ा होगा।

यदि आज के आधुनिक दिन में भविष्यव्यक्ता होता था, तो वह कैथोलिक के द्वारा कैसे स्वीकार किया जाता? बैप्टिस्ट कलीसिया? लूथरन कलीसिया? कोई भी नामधारी कलीसिया?

प्रभु यीशु ने, हर एक वो जो उसका विश्‍वास करता है, उसे वो अधिकार दिया: “और विश्‍वास करने वालों में ये चिन्ह होंगे, कि वे मेरे नाम से दुष्टात्माओं को निकालेंगे। नई नई भाषा बोलेंगे, सांपों को उठा लेंगे, और यदि वे नाशक वस्तु भी पी जाये तौभी उन की कुछ हानि न होगी, वे बीमारों पर हाथ रखेंगे, और वे चंगे हो जाएंगे।“ (मरकुस 16:17-18)। क्या आज यह वचन सच्चा है? यदि यह सच्चा नहीं है तो प्रभु का वचन भी प्रभाव रहित होंगे? सारी बाईबिल में भविष्यव्यक्ता बिमारो को चेंगा करने के योग्य थे, दुष्टआत्माओ को निकालना, आश्चर्यकर्मो को करना। मूसा ने इस्राएलियों के सामने पीतल के सर्प को रखा ताकि जहरीले सर्पो के काटने से बच जाये (गिनती 21: 9)। नामान, एक सामर्थी सिरियाई, एलिशा के पास पास कोढ़ से चंगा होने के लिए आया(2 राजा 5:9)। जब एक युवक ऊपर की खिड़की से गिरकर मर गया, प्रेरित पौलुस उसके ऊपर पसर गया, और मरी हुई देह में जीवन ले आया (प्रेरितों के काम 20:10)। हमारे पास, हमारे प्रभु यीशु के जीवन के लगभग साढ़े वर्ष का अभी लेख है, परन्तु इन कुछ वर्षो में वो निरंतर बिमारों को चंगा करता रहा। अंधे देखते थे कोढ़ी चंगे किये गए थे, लंगड़े चलने लगे, हर प्रकार की बिमारी चंगी की गयी थी (मती 4 :23 )।

चंगाई को छोड़ परमेश्‍वर ने अपने भविष्यव्यक्ताओ को दूसरे प्रकार से भी प्रमाणित किया। यहाँ तक कि मनुष्यो के बहुत से गुप्त विचार परमेश्‍वर ने इन मनुष्यो पर प्रकट किये। राजा नबूकदनेस्सर ने एक परेशान करने वाला स्वपन देखा था, परन्तु वह याद न रख सका कि वह किस विषय में था। भविष्यव्यक्ता दानियेल ने राजा को दोनों बातें बता दी, भविष्यवाणी और स्वपन जो हुआ था (दानिएल 2:28)। जब सबा की मल्लिका सुलैमान से सामने आयी, तो वो से सुलैमान कुछ भी नही छिपा सकी । वह आत्मा से इतना भरा हुआ था कि उसके हृदय के प्रश्नों का उत्तर पूछने से पहले ही उसे बता दिए (पहला राजा 10:3 )। एलीशा ने इस्राएल के राजा को वे सारी योजनाये जो सीरिया के राजा की थी, बता दी, यहाँ तक कि वे गुप्त बातें जो वह अपने शयन कक्ष में भी करता था (2 राजा 6:12)।

अपने ही व्यवहार के द्वारा, प्रभु यीशु ने अक्सर इस बात को दर्शाया कि यह परखने वाला आत्मा मसीह का आत्मा है। उसने नतनयेल के स्वाभाव को जान लिया, जब उसने कहा “देखो एक सच्चा इस्राएली जिसमें कोई कपट नहीं है।” और यीशु ने नातनयेल को और आगे बताया कि जब फिलिपुस ने उसे मसीह के विषय में बताया (यूहन्ना 1:48)। जब नतनयेल ने देखा यीशु उसके ह्रदय को जानता है, तो उसने तुरंत पहचान लिया कि वो मसीह है। पहली बार यीशु ने पतरस को देखा, उसने उसके पिता का नाम बता दिया, योना (यूहन्ना 1:42)। तब पतरस सब कुछ छोड़ कर सारे जीवन भर यीशु के पीछे हो लिया। यीशु सामरी स्त्री से कुए पर मिला और उसके बीते हुए पाप बताये। उसके पहले शब्द थे, “श्रीमान, मुझे लगता है, तू एक भविष्यव्यक्ता है”(यूहन्ना 4:19)। ये सारे तीनो लोग जीवन के अलग-अलग हालातो में थे, फिर भी उन्होंने यीशु को तुरंत पहचान लिया, जब उसने आत्मा के परख के वरदान को तुरंत को प्रगट किया।

क्या यह वरदान जब बाईबल के अंतिम पन्ने लिखे गए तो लुप्त हो गए?यदि ये अद्भुत कार्य बाईबल में इतने स्पष्ट रूप में लिखे गए है,तो वे आज कहाँ पर है?एक आधुनिक दिन का भविष्यव्यक्ता निश्चय ही अद्भत कार्यो से प्रमाणित होता है।

क्या परमेश्‍वर अपने लोगो को भूल गया? क्या वो अब भी लोगो को चंगा करने के योग्य है? क्या वो अब भी हमसे अपने भविष्यव्यक्ता के द्वारा बोलता है? क्या किन्ही भविष्यव्यक्ताओ ने पहले से इन दिनों को देखा?

क्या ऐसी भविष्यवाणीयां है जो अब भी पूरी होनी है?