एक दूत से एक भेंट



दर्शन निरन्तर चलते रहे। उसे उसके पुरोहित साथियों के द्वारा बताया गया कि ये दर्शन परमेश्‍वर की ओर से नहीं है। उसे बताया गया कि वह प्रेत आत्मा से ग्रस्त है। इससे इसे गहरा आघात पहुंचा, यह उठाने के लिए बोझ बहुत अधिक था, इसलिए वह जंगल में परमेश्‍वर की इच्छा को मालूम करने के लिए चला गया। उसने यह प्रतिज्ञा ली कि वह बिना उत्तर पाये वापस नहीं जायेगा। वहां एक पुराने सामानों का कमरा था, प्रभु के दूत ने उसे उसका अधिकार दिया। दूसरी बातों के बीच दूत ने उसे यह बताया। “यदि तू लोगों का विश्‍वास अपने ऊपर करवा लेगा और प्रार्थना करते समय निष्कपट रहे, तो तेरी प्रार्थना के सामने कुछ भी नहीं रूकेगा, यहां तक की कैंसर भी नहीं।”

सारे सन्देह मिट गये, अब उसके पास साहस के साथ आगे बढ़ने का अधिकार था। चंगाई की बेदारी आरम्भ हो गई थी।

हजारों, लाखों लोग ब्रन्हम की बेदारी में आने लगे। प्रभु यीशु मसीह के नाम से हजारों लोग चंगे हो गये। दूसरे सुसमाचार के प्रचारक जैसे ओरल रोबर्ट, टी.एल. ओजबर्न और ए.ए.ऐलन ठीक भाई ब्रन्हम के पीछे चल पड़े, और अपनी चंगाई सभाये आरम्भ कर दी। प्रभु ने आशीषों की ऐसी वर्षा की, जैसी पहले कभी नहीं हुई। यीशु मसीह के चंगा करने वाले हाथ ने लोगों को एक बार फिर से छुआ।

“परमेश्‍वर के इस ताजा वरदान को जो कलीसिया में हमारे प्यारे भाई विलीयम ब्रन्हम को दिया, यह शानदार चंगाई का वरदान। मैं अक्सर आनन्दित होकर रोया हूं। परमेश्‍वर का यह मामला कि इतनी बहुतायत, जो कि ये सबसे ऊपर है, कर रहा है,जितना कि हम उससे मांग या सोच सकते हैं (इफि :3:20) क्योंकि मैंने कभी ना तो देखा या पढ़ा है, जो भाई विलीयम ब्रन्हम की सेवकाई के बराबर हो।”

आदर्णिय एफ.एफ.बोसवर्थ संसार के जाने माने प्रचारक और असम्बेली ऑफ गोड, नामधारी के पिता और संस्थापक, और जैसा कि, आधुनिक पेन्तेकोस्तल का अभियान।

“एक घटना में, हमने देखा कि वह खाट पर पड़े हुए व्यक्ति से बात कर रहे थे। पहले तो उस व्यक्ति की ओर से कोई भी समझदारी वाला प्रति उत्तर नहीं आया। तो फिर पास खड़ी हुई पत्नी ने सारी बात स्पष्ट की कि यह व्यक्ति केवल कैंसर से ही नहीं मर रहा है। परन्तु बहरा भी था, और जो बोला जा रहा था सुन नहीं सकता था।

तब भाई ब्रन्हम ने कहा कि अवश्य है यह व्यक्ति सुने जिससे वो सामर्थ पाये ताकि वह कैंसर की चंगाई के विषय में उसे बता सके। एक क्षण की प्रार्थना से वह एक दम से सुनने लगा। उस आदमी के गाल पर बड़े-बड़े आंसू बहने लगे, जिसका चेहरा सारी सांझ भावहीन और शांत रहा था। उसने बहुत ही रूची के साथ सुना था, जब उसे कैंसर से छुटकारे के लिए बताया जा रहा था।”

आदर्णिय गोर्डन लिण्डसे, सम्पादिकिय लेखक, सेवक और क्राईस्ट फोर द नेशन इन्सटीट्ट के संस्थापक।

“भाई ब्रन्हम ने कहा, ‘कांग्रेस मैन चंगा हो गया है।‘ मेरा हृदय उछल पड़ा। मैं आगे बढ़ा और प्रभु को अपना चंगाकर्ता स्वीकार किया। मैंने अपनी बैसाखियां एक ओर रख दी…और स्वर्ग का धरातल नीचे आ गया।”

विलीयम डी.अपशो, यू.एस. कांग्रेसमैन (1919-1927), 1932 में यू.एस. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार। अपने बाल्यअवस्था में पीठ के बल गिर पड़े थे। अब वह 84 के थे जब वह भाई ब्रन्हम की प्रार्थना से पूरी रीति से चंगे हुए। वे 66 वर्ष की अपाहिज वाली अवस्था में थे। उसे अपने बाकी जीवन में फिर कभी पहिंये वाली कुर्सी या बैसाखियों की आवश्यकता नही थी।

“मैं आठ वर्ष और नौ महीनों से टी.बी. से पंलग पर पड़ी थी और डॉक्टरों ने मुझे छोड़ दिया था। मुश्किल से मेरा वजन 50 पोण्ड रहा होगा और लगता था कि सारी आशाये समाप्त हो गई थी। तब जैफरसनविले इन्डियाना से आदर्णिय डब्लू.एम.ब्रन्हम आये एक दर्शन में जो उन्होंने देखा था, एक मेम्ना जंगल में फंस गया है और ‘मिलटाऊन’ कह कर चिल्ला रहा है, जहां कि मैं रहती हूं। भाई ब्रन्हम यहां कभी नहीं आये थे, ना ही यहां किसी को जानते थे। भीतर आकर उसने अपने हाथ मेरे ऊपर रखे और प्रार्थना की, हमारे प्रिय प्रभु यीशु के नाम से मुझे पुकारा। किसी चीज ने मुझे जकड़ लिया ऐसा लगा और मैं एक दम से खड़ी हो गई। परमेश्‍वर को उसकी चंगाई भरी सामर्थ के लिए धन्यवाद देने लगी। अब मैं यहां बैपटिस्ट चर्च में प्यानों बजाती हूं।“

जोर्जिया कार्टर मिलटाऊन इन्डियाना। 1940 में टी.बी. से चंगी हुई और फिर कभी इस बीमारी से जीवन भर ग्रस्त नहीं हुई। उसने हजारो लोगों का प्रतिनिधित्व किया जो उसकी सेवकाई में चंगे हुए और आज भी चंगे हो रहे हैं।