उत्पत्ती 3:1
यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाये थे, उन सब में सर्प धूर्त था, उसने स्त्री से कहा क्या सच है कि परमेश्वर ने कहा तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल ना खाना?
उत्पत्ती 3:6-7
अतः जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा और देखने में मनभाऊ है और बुद्धी देने के लिए चाहने योग्य भी है, तब उसने उसमें से तोड़कर खाया। और अपने पति को भी दिया और उसने भी खाया।
तब उन दोनों कि आंखे खुल गई और उनको मालूम हुआ कि वे नंगे हैं, इसलिए उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़-जोड़ कर लंगोट बना लिए।
उत्पत्ती 3:14-15
तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा तू ने जो यह किया है इसलिए तू सब घरेलू पशुओं और बनैले पशुओ से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा।
और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुँगा; वह तेरे सर को कुचल डालेगा और तू उसकी एड़ी को डसेगा।
यह बाइबल में पाप का पहला अभिलेख है, सर्प सारे पशुओं में धूर्त था उसने हवा को मना किए फल को खाने के लिए बहकाया। उसने यह खाया और फिर अपने पति को दिया, जिस से उन्हें अनुभव हुआ कि वे नंगे हैं।
प्रश्न स्पष्ट हैः सर्प कैसे बात कर सकता है? नंगे होने से सेब का क्या वास्तव है? और इस सारे प्रकरण में सर्प वंश कहां सही बैठता है?
बाइबल कहती है सर्प सबसे अधिक “धूर्त” था, सारे पशुओं में वह मनुष्य के समान था जो चलता बात करता और यहां तक की बुद्धी की बाते करता आदम की पत्नी को बहकाने के बाद, परमेश्वर ने उसे सांप होने के लिए श्रापित कर दिया, परन्तु क्षति करने से पहले नहीं और बीज बो दिया गया।
बाइबल उत्पत्ति 3:15 में कहती है, कि सर्प का भी वंश है और परमेश्वर ने दोनों के बीच शत्रुता डाली है। स्पष्ट है कि सर्प का बीज हवा के स्वभाविक बीज के साथ मिलाया गया इसके पहले कि अलग किया जाये सेव के खाने से इस प्रकार का परिणाम कैसे हो सकता है? तब फिर कुछ पदो के बाद “आदम ने अपनी पत्नी का नाम हवा रखा; क्योंकि वह सब प्राणियों की माता थी।” ध्यान दे कि इसने यह नहीं कहा कि आदम सारे प्राणियों का पिता था।
कुछ भिन्न प्रकार के “फल” बाइबल में हैं। निःसंदेह स्वभाविक फल जैसे सेब है, यह उगाया और खाया जाता है। एक और भी फल है, जिसका उल्लेख हमारे कामों के लिए किया जाता है, चाहे यह शारीरिक कार्य जैसे कि खेती और व्यापार करना या आत्मिक कार्य जैसे आश्चर्यकर्म और सुसमाचार प्रचार करना, इसके बाद गर्भ का फल, जिसे गर्भ और बालक के जन्म के सन्दर्भ में करते हैं।
क्या स्वभाविक फल खाने के द्वारा आदम और हवा को यह समझ मिली होगी, कि वे नंगे हैं? या यह शारीरिक सम्बन्ध पुरुष और स्त्री के बीच की उन्हें समझ मिले, कि क्यों उन्हें शरीर के किसी विशेष भाग को छिपाना चाहिए?
वास्तव में उस दिन अदन कि वाटिका में क्या घटित हुआ जो सारी मानव जाति के गिरने का कारण हुआ?
जैसा कि स्त्री का बीज वस्तुतः परमेश्वर का स्वयं को मानव देह में उत्पन्न करने के लिए था। इसलिए सर्प का बीज सही में उसने वह मार्ग पा लिया, कि वह द्वार, कि वह अपने आप को मनुष्य जाति में लाने योग्य हो जाये। शैतान के लिए यह असम्भव था (क्योंकि वह तो आत्मा में ही उत्पन्न किया गया एक जीवन था) कि वह अपने आप को उत्पन्न करे उसी प्रकार से जैसे परमेश्वर स्वयं को फिर से उत्पन्न करे, इसलिए उत्पत्ती का वृतांत हमें बताता है कि उसने अपना बीज कैसे उत्पन्न किया और मिलाया या अपने आपको कैसे मानव जाति में घुसा लिया। यह भी याद दिलाता है कि शैतान सर्प कहलाता है यह उसका बीज है या अपने आपको मानव जाति में घुसाया जिसकी हम बात कर रहे हैं।
इसके पहले कि कभी आदम को हवा का, शारीरिक ज्ञान होता, सर्प को यह बात उससे पहले मालूम थी और वह जो उससे जन्मा कैन था। कैन उस दुष्ट (जन्मा, प्रजात हुआ) से था। (1 यूहन्ना 3:12)
सारे मामले की सच्चाई यह है कि हवा के गर्भ में दो पुत्र थे। (जुड़वा) अलग-अलग गर्भाधानों से वह जुड़वा के साथ थी, कैन का गर्भाधान हुआ इसके पहले की हाबिल का होता।
सन्दर्भ
उत्पत्ती 3:6-7
अतः जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा और देखने में मनभाऊ और बुद्धि देने के लिए चाहने योग्य भी है, तब उसने उसमें से तोड़ कर खाया और अपने पति को भी दिया और उसने भी खाया।
तब उन दोनों कि आंखे खुल गई और उनको मालूम हुआ कि वे नंगे हैं, इसलिए उन्होंने अंजीर के पत्ते जोड़ कर लंगोट बना लिए।
[फल का टुकड़ा खाने से वे कैसे जानेगे कि वे नंगे थे]
उत्पत्ती 3:13-15
तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा ’तूने यह क्या किया है?‘ स्त्री ने कहा ’सर्प ने मुझे बहका दिया, तब मैंने खाया।‘
तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा, ’तूने जो यह किया है इसलिए तू सब घरेलू पशुओं और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है, तू पेट के बल चला करेगा और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा।‘
और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वे तेरे सिर को कुचल डालेगा और तू उसकी ऐड़ी को डसेगा।
[सर्प का एक बीज था स्पष्ट है यह सांप के संदर्भ में नहीं
है]
उत्पत्ती 3:20
आदम ने अपनी पत्नी का नाम हवा रखा, क्योंकि जितने जीवित मनुष्य है उन सब की आदि माता वही हुई।
[क्योंकि आदम सारे जीवतो का पिता नही कहलाया]
उत्पत्ती 4:1-2
जब आदम अपनी पत्नी हवा के पास गया तब उसने गर्भवती होकर कैन को जन्म दिया और कहा, ’मैंने यहोवा की सहायता से एक पुरुष पाया है।‘
फिर उसने उसके भाई हाबिल को भी जन्म दिया। हाबिल भेड़ बकरियों का चरवाहा बन गया, परन्तु कैन भूमी पर खेती करने वाला किसान बना।
[सारे जीवन परमेश्वर की ओर से आते हैं, वह चाहे वैध हो या अवैध हो, शैतान जीवन की सृष्टी नहीं कर सकता]
लूका 3:38
और वह एनोश का वह और शेत का और वह आदम का और वह परमेश्वर का पुत्र था।
[आदम की वंशावली में पहले जन्मा कैन कहां है?]
1 यूहन्ना 3:12
और कैन के समान ना बने जो उस दुष्ट से था और जिसने अपने भाई को घात किया और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे और उसके भाई के काम धर्म के थे।
[परमेश्वर ने आदम को अपने स्वरूप में बनाया तो फिर कैन कि दुष्टता कहां से आयी और धर्मी हाबिल कहां से आया? उनके गुण उन्हें अपने पिताओं से मिले।]
यहूदा 1:14
हनोक ने भी जो आदम से सातवी पीढ़ी में था, इनके विषय में भविष्यवाणी की ’देखो प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया‘
[बाइबल में कहीं भी कैन आदम की वंशाली में नहीं है]