यूहन्ना 5:28-29

इससे अचम्भा मत करो; क्योंकि वह समय आता है कि जितने कब्रों में है, वे उसका शब्द सुनकर निकल आयेगे; जिन्होंने भलाई की है, वे जीवन के पुनरुत्थान के लिए जी उठेगे, और जिन्होंने बुराई की है वे दण्ड के पुनरुत्थान के लिए जी उठेगे।


एक दिन आ रहा है जब हममें से प्रत्येक चाहे मसीही या कोई भी इस बात को ठीक-ठीक जान लेगा, कि समय के पर्दे के पीछे क्या है। बाइबल कुछ लोगों के लिए अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा करती है, कि दूसरों के लिए यह नरक दण्ड की प्रतिज्ञा करती है, पूरे इतिहास में होते हुए, हर मानवजाति, निश्‍चय ही अपने आप से यह पूछती है, मरने के बाद, मेरा क्या होगा?

बहुत पहले कि बाइबल कभी पढ़ने के लिए होती, अय्यूब भविष्द्वक्ता ने प्रकृति को ध्यान से देखा, उसने वृक्ष की आशा के विषय में बातचीत की, कि कैसे वह काटा जाता और मर जाता है, फिर भी जल कि गंध पाकर वह जीवन में फिर खिलता, और नई कोपले निकालता है, अय्यूब को मालूम था कि मनुष्य वृक्ष के समान है, और वह फिर से जीवन के लिए उठेगा।

यदि मुनष्य मर जाये तो क्या वह फिर जीयेगा? अपने सारे ठहराये हुए दिनों के लिए मैं प्रतीक्षा करूँगा, जब तक मेरा छुटकारा ना होता।

तू मुझे बुलाता और मैं बोलता; तुझे अपने हाथ के बनाये हुए काम की अभिलाषा होती।

परन्तु अब तू मेरे पग-पग को गिनता है, क्या तू मेरे पाप की ताक में लगा नहीं रहता? (अय्यूब 14:14-16)

हो सकता है अय्यूब के पास पढ़ने के लिए बाइबल ना हो, परन्तु वह जानता था कि एक दिन परमेश्‍वर उसे कब्र में से जिला उठायेगा जब मनुष्य जाति का छुड़ाने वाला आता है।

मेरी बाते लिखी जाती! भला होता कि वे पुस्तक में लिखी जाती,

कि वे लोहे कि टांकी और सीसे से वे सदा के लिए चट्टान पर खोदी जाती।

मुझे तो निश्‍चय है कि मेरा छुडाने वाला जीवित है, और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा और

अपनी खाल के इस प्रकार नष्ट हो जाने के बाद भी मैं शरीर में होकर परमेश्‍वर का दर्शन पाऊँगा। (अय्यूब 19:23-26)

भविष्यद्वक्ता प्रभु यीशु के लिए बोल रहा था और उसके लोगों के पुनरुत्थान के लिए । प्रकाशन से अय्यूब जानता था यद्यपि हमारी देहे पूरी रीति नष्ट हो जाये, यीशु हमारी देह को फिर से ले आयेगा और अपनी ही आंखों से हम उसके आगमन को देखेगे, परमेश्‍वर के सारे लोग उसके महिमामय दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

फिर भी, जैसे कि निश्चिय रूप से परमेश्‍वर विद्यमान है, तो एक शैतान भी है; और जैसे कि निश्चिय रूप में स्वर्ग है तो नरक भी है। ज्वाला हमारी कल्पना से भी अधिक है। प्रेरित पौलूस ने कहा ’जो बाते आंखों ने नहीं देखी और कानो ने नहीं सुनी और जो बाते मनुष्य के चित में नहीं चढ़ी वे ही है जो परमेश्‍वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिए तैयार की हैं।‘ (1 कुर, 2:9)

हमारा दिमाग नहीं समझ सकता कि स्वर्ग कितना बड़ा होगा और ना ही वे नरक कितना भयानक होगा समझ सकते हैं, यीशु ने हमें बताया कि नरक इतना भयानक है कि यह अच्छा होगा कि हम अपने शरीर का अंग काट दे बजाये कि उस भयानक स्थान में जाने का जोखिम उठाये।

यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाये तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिए इस से भी है कि दो हाथ रहते हुए नरक की आग में डाला जाये जो कभी बुझने की नही। (मरकुस 9:43)

इसलिए कौन स्वर्ग में जायेगा ? और कौन नरक में जायेगा? यह एक दुखद विचार है, परन्तु यीशु ने कहा अधिकांश लोग उस पुरस्कार को नहीं लेगे जो वह देना चाहता है; सकेत फाटक से प्रवेश करो, क्योंकि चैड़ा है वह फाटक और सरल है वह मार्ग जो विनाश को पहुंचाता है; और बहुत से है जो उस से प्रवेश करते हैं, क्योंकि सकेत है वह फाटक और कठिन है वह मार्ग जो जीवन को पहुंचाता है और थोड़े है जो उसे पाते हैं। (मत्ती 7:13-14)

यीशु ने यह भी कहा, जो मुझ से हे प्रभु! हे प्रभु! कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश ना करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेगे, “हे प्रभु! हे प्रभु! क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यवाणी नहीं की और तेरे नाम से दुष्टआत्माओं को नहीं निकाला ओर तेरे नाम से बहुत से आश्चर्यकर्म नहीं किए? तब मैं उनसे खुल कर कह दूंगा ’मैंने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालो, मेरे पास से चले जाओ।‘” (मत्ती 7:21-23)

बस केवल इसलिए कि व्यक्ति मसीही होने का दावा करता है इसका अर्थ यह नहीं है कि वह बचा हुआ है, इसलिए यह हमारे विचारो में प्रत्यक्ष प्रश्‍न हैः मैं कैसे अनन्त जीवन प्राप्त करु? यीशु ने हमें एक बड़ा साधारण उत्तर दियाः मैं तुम से सच सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर, मेरे भेजने वाले पर विश्‍वास करता है, अनन्त जीवन उसका है और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है। (यूहन्ना 5:24)

दुर्भाग्यवश इस संसार में बहुत थोड़े लोग है, जो अपने व्यस्त दिनों में से थोड़ा समय निकाल कर परमेश्‍वर का वचन सुनना चाहते हैं और बहुत ही थोड़े लोग है जो सुने हुए वचन का विश्‍वास करेंगे,

कलीसिया हमे अच्छा मनुष्य बनने के लिए कहती है, अच्छा सोचो, झूठ मत बोलो, बेमानी और चोरी मत करो और हम स्वर्ग में चले जायेंगे। वे नहीं समझते कि नरक भले लोगों से भर जायेगा जो ऐसे प्रतीत होते हैं कि उन्होंने अच्छा जीवन बिताया वास्तविकता यह है कि हम स्वर्ग नहीं जायेंगे, अपने धर्मों के कामों के कारण या हम किसी विशेष कलीसिया के सदस्य है। अनन्त जीवन के लिए केवल एक मार्ग है और वह यीशु मसीह के द्वारा, उसने हमे आदेश दिया है कि हमे उसके वचन का विश्‍वास करना चाहिए, जो कि बाइबल है। वरना हम कैसे बच सकेंगे?

जब आपके लिए न्याय का दिन आता है, क्या आप सुनेगे “मेरे पिता के धन्य लोगो, आओ उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिए तैयार किया गया है।“ (मत्ती 25:34) या क्या आप सुनेंगे, “हे शापित लोगों, मेरे सामने से उस अनन्त आग में चले जाओ जो शैतान और उसके दूतो के लिए तैयार की गई है”? (मत्ती 25:41)

जैसे कि आपकी आंखे इन शब्दो को पढ़ती हैं तो आपको चुनाव करना होगाः क्या आप परमेश्‍वर के वचन को विश्‍वास करने के लिए चुनेगे?

आप अनन्तता कहाँ बितायेगे?







सन्दर्भ

अय्यूब 14:12-16

वैसे ही मनुष्य लेट जाता और फिर नहीं उठता, जब तक आकाश बना रहेगा वह नहीं जागेगा और ना उसकी नींद टूटेगी।

भला होता तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता और जब तक तेरा कोप ठंडा ना हो जाये तब तक मुझे छिपाये रखता और मेरे लिए समय नियुक्त करके फिर मेरी सुधी लेता!

यदि मनुष्य मर जाये तो क्या वह फिर जीवित होगा? जब तक मेरा छुटकारा ना होता तब तक मैं अपनी कठिन सेवा के सारे दिन आशा लगाये रहता।

तू मुझे बुलाता और मैं बोलता तुझे अपने हाथ के बनाये हुए काम की अभिलाषा होती।

परन्तु अब तू मेरे पग पग को गिनता है, क्या तू मेरे पाप की ताक में लगा नहीं रहता?

अय्यूब 19:23-26

भला होता कि बाते लिखी जाती, भला होता कि वे पुस्तक में लिखी जाती!

लोहे की टांकी और सीसे से वे सदा के लिए चट्टान पर खोदी जाती!

मुझे तो निश्‍चय है कि मेरा छुड़ाने वाला जीवित है और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा;

और अपनी खाल के इस प्रकार नष्ट हो जो के बाद भी, मैं शरीर में होकर परमेश्‍वर का दर्शन पाऊँगा।

मत्ती 7:21-23

जो मुझ से हे प्रभु! हे प्रभु! कहता है उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश ना करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता कि इच्छा पर चलता है।

उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेंगे, ‘हे प्रभु! हे प्रभु! क्या हमने तेरे नाम से भविष्यवाणी नहीं की और तेरे नाम से दुष्टत्माओं को नहीं निकाला और तेरे नाम से बहुत से आश्चर्य कर्म नहीं किए ?’

तब मैं उनसे खुलकर कह दूंगा, ’मैंने तुम को कभी नहीं जाना, हे कुकर्म करने वालो मेरे पास से चले जाओ।‘

मत्ती 22:14

क्योंकि बुलाये हुए तो बहुत है परन्तु चुने हुए थोड़े हैं।

यूहन्ना 3:16-17

क्योंकि परमेश्‍वर ने जगत से ऐसा, प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह नष्ट ना परन्तु अनन्त जीवन पाये।

परमेश्‍वर ने अपने पुत्र को जगत मे इसलिए नहीं भेजा कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाये।

यूहन्ना 5:24

मैं तुम से सच-सच कहता हूँ जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजने वाले पर विश्‍वास करता है अनन्त जीवन उसका है और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका।

1 कुरन्थियो 2:9

परन्तु जैसा लिखा है जो बाते आंखो ने नहीं देखी और कान ने नहीं सुनी और जो बाते मनुष्य के चित में नहीं चढ़ी, वे ही है जो परमेश्‍वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिए तैयार की हैं।

1 थिस्सलुनीकियो 4:13-18

हे भाईयो हम नहीं चाहते कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं अज्ञानी रहो ऐसा ना हो कि तुम दूसरो के समान शोक करो जिन्हें आशा नहीं।

क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा।

क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे।

क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा, उस समय ललकार और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा और परमेश्‍वर कि तुरही फूंकी जायेगी और जो मसीह में मरे हैं वे पहले जी उठेंगे।

तब हम जो जीवित ओर बचे रहेंगे, उनके साथ बादलो पर उठा लिए जायेंगे कि हवा में प्रभु से मिले और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।

इस प्रकार इन बातों से एक दूसरे को शान्ती दिया करो।